आइये जानते है आज विस्तार से (डॉ आर के सिंह )
कैंसर को लेकर सभी रोगी बडे उलझन में रहते है कि क्या खाना चाहिए और क्या नही खाना चाहिए | आज चर्चा करते है आखिर क्या कहता है दुनिया का प्राचीनतम शाश्वत चिकित्सा विज्ञान – आयुर्वेद …………..आइये जानते है सच्चाई |
आयुर्वेद कहता है –
पुराणघृतपानं च जीर्णल्लोहितशालयः । यवा मुगाः पटोलं च रक्तशित्रुः कठिल्लकम् ।।१।।
शालिं च शाकं वेत्रायं रूक्षाणि च कटूनि च । दीपनानि च सर्वाणि गुग्गुलुश्च शिलाजतु ।।२।।
गलगण्डे गण्डमालापचीग्रन्थ्यर्बुदान्तरे । यथादोषं यथावस्थं पथ्यमेतत्प्रकीर्तितम् ।।३।।
दुग्धेक्षुविकृतीः सर्वा मांसं चामूपसम्भवम् । पिष्टान्नमम्लं मधुरं गुर्वभिष्यन्दकारि च ।।४।। गलगण्डं गण्डमालापचीग्रन्ध्यर्बुदामयान् । चिकित्सन्नगदङ्कारो यशोऽर्थी परिवर्जयेत् ।।५।।
(योगरत्नाकर अर्बुद चिकित्सा)
अर्थात
आयुर्वेद अनुसार कैंसर (अर्बुद ) रोग में निम्न लिखित को खाना अत्यंत हितकर माना गया है (क्या खाना चाहिए )-
- पुराने घृत का पान
- पुराने रक्तवर्ण के शालीधान के चावल
- यव (जों)
- मूंग
- परवर
- रक्तसहिजन
- रूक्ष और कटु द्रव्य
- सब प्रकार के अग्निदीपक द्रव्य (भूख बढ़ाने वाले )
- गुग्गुलु
- शिलाजीत
आयुर्वेद अनुसार कैंसर (अर्बुद ) रोग में निम्न लिखित को खाना अत्यंत अहितकर माना गया है (क्या नहीं खाना चाहिए ) –
- दूध
- ईख (गन्ना)
- दूध और ईख के बने सभी पदार्थ (दही, खोवा, गुड़ आदि)
- आनूप जीवों के मांस (जलीय जीव जेसे मछली )
- पिट्ठी के पदार्थ
- अम्ल द्रव्य
- मधुर, गुरु और अभिष्यन्दकारक सभी पदार्थ [पचने में भारी जो शरीर की क्रियाओ (स्रोतस) में रूकावट पैदा करते है]