“वो” एपिसोड 1 @Musafiri by j.

January 5, 2025by TushitamFoundation0

(एपिसोड 1)……. अमरकंटक की सबसे उंची पहाड़ी पर बहुत तेजी से लम्बे लम्बे कदमो के साथ चलती जा रही थी वो | बिखरे बाल, बड़ी आंखे, चेहरे पर गुस्सा, भोहे तनी हुई, माथे पर सिलवट और सुर्ख लाल होठ |

उसके आगे और पीछे वाले लोग बस एकटक घूरे जा रहे थे, उसको, मानो दुनिया का सबसे बड़ा गुनाह करके आ रही हो वो | पर उसको मानो कोई सुध ही नहीं, बस जेसे आज ही पूरी पहाड़ी को अपने पैर के नीचे रोंद देना चाहती हो वो |

उसने सोच लिया था या तो आज वो नहीं या फिर ये अमरकंटक की पहाड़िया | अचानक पीछे से आई एक बूढी महिला की आवाज ने रोक दिया उसको “बेटी जरा धीरे चलो कही पैर न फिसल जाए, भला इतनी तेज चलके जाना भी कहाँ है” |

“महादेव को मिलने जा रही हू, उनसे अपने सवालो का जवाब पूछने आई हू मै”, बहुत तेजी के साथ उसने जवाब दिया | (बूढी महिला के साथ साथ अन्य सभी लोगो के पैरो के नीचे से जेसे पहाड़ जमींन सब गायब हो गयी हो)

ये केसा जवाब था उसका, सबके मन में मानो हजारो प्रश्नों की बाढ़ आ गयी हो!

बूढी आवाज ने फिर पूछा,“ बेटी तुम कोन से महादेव की बात कर रही हो?”

बस उसको ही जिसको तुम मृत्युंजय कहते हो, बिना पलटकर देखे ही  जवाब दिया उसने |

“महादेव की बड़ी भक्त लगती हो बेटी” बूढी आवाज ने फिर से कहा |

“नहीं ! घोर विरोधी हू मै महादेव की ! मेरी नजरो में कोई महादेव भगवान नहीं !” बहुत तेज से बूढी औरत को घूरते हुए चिल्लाई वो | अरे महादेव के देश भारत में ये क्या बोल दिया उसने, मानो एक बार फिर जेसे सबकी आँखों में बिजली चमक गयी हो……………………..कहानी जारी रहेगी |

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