दोस्तों आज के लेख में हम पढेगे कि केसे हम अपने इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत कर सकते है | चूँकि हमारा खानपान और रहन-सहन ही इम्युनिटी के लिए जिम्मेदार है तो आइये देखते है कि हम अपनी इम्युनिटी को खान पान, रहन – सहन एवं यौगिक क्रियाओं से केसे मजबूत बना सकते हैं |
खान पान और इम्युनिटी
- सेब – एक सेब रोज सुबह खाली पेट चबाकर खाए, इससे इम्युनिटी बहुत अच्छी हो जाती है | यह इम्यूनिटी बढ़ाने का सबसे आसान उपायहै |
- लहसुन – सेब के सिरके में भीगी हुई लहसुन की 2 कलियां एक दिन छोड़कर लें | लहसुन की 2 कलियों को आप दो लोंग के साथ भी एक दिन छोडकर गर्म पानी से ले सकते है | लहसुन विटामिन बी 1, बी 2, बी 3, बी 6, फोलेट, मैग्नीशियम, फास्फोरस, सोडियम, जस्ता, लोहा, मैंगनीज, कैल्शियम जैसे अन्य खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है |
- हल्दी पाउडर और शहद – आधा चम्मच घर की पिसी हल्दी पाउडर और उसमें शहद मिलाकर रोज़ाना सोते समय दूध से लें | इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने के लिए हल्दी बहुत उपयोगी है |
- आंवला पाउडर और शहद – आधा चम्मच आंवला पाउडर लीजिए और उसमें शहद मिलाकर रोज़ाना सुबह लें | केवल आवला पाउडर को आप दूध के साथ भी ले सकते हे |आंवलाविटामिन सी का सर्वश्रेष्ठ स्रोत है और विटामिन सी इम्यूनिटी को चमत्कारी ढंग से बढ़ाने के लिए उपयोगी है |
- नींबू का सेवन करें – नींबू में एंटीबायोटिक, एंटी वायरल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी बैक्टीरियल व अधिक मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। रोजाना नींबू पानी लेने से शरीर में पानी की कमी तो दूर होगी साथ में यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
- ओट्स का सेवन करना —ओट्स में पर्याप्त मात्रा में फाइबर्स पाए जाते हैं | इसके साथ ही इसमें एंटी-माइक्राबियल गुण भी होता है जो आपके इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है। इसलिए रोजाना अपने नाश्ते में ओट्स को शामिल करे |
- प्याज का सेवन करें – प्याज में एलिसिन नामक मिश्रण पाया जाता है जो संक्रमण को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा एलर्जी व कैंसर के जोखिम को कम करता है। आप चाहे तो सलाद में प्याज का सेवन कर सकते है।
- पत्तेदार सब्जियो का सेवन करें – शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आहार में पत्तेदार सब्जिया बहुत फायदेमंद होता है। हरी सब्जिया में अच्छी मात्रा में विटामिन और खनिज पाए जाते है जो बीमारियों को रोकने में मदद करते है। हरी सब्जियों में पालक, ब्रोकली, मेथी, आदि का सेवन कर सकते है।
- दालचीनी का सेवन करें – दालचीनी खासतोर पर डायबिटीज के मरीज के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है क्योंकि दालचीनी डायबिटीज को नियंत्रण करने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें इम्युनिटी शक्ति बढ़ाने का गुण पाया जाता है।
- च्वयनप्राश – यह किसी भी मोसम में लिया जा सकता है | सुबह और रात में 10 ग्राम च्यवनप्राश गुनगुने दूध से रोजाना लेना चाहिए | बच्चो में इसकी मात्र कम देनी चाहिए |
रहन सहन और इम्युनिटी
1.धूप – धूप से बेहतरीन और मुफ़्त का इम्यूनिटी बूस्टर कोई और नहीं है. यह विटामिन डी का स्रोत है, जो कि इम्यूनिटी के लिए ज़िम्मेदार विटामिन्स में से एक है. रोज़ाना कम से कम 30 मिनट सुबह सुबह की धूप में बिताएं |इसके लिए सुबह-सुबह अपने घर की छत पर चले जाएं.
- साफ़ सफाई – अपने आस पास साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखे | गंदगी से दूर रहे | अच्छे से मुह हाथ धुलकर ही भोजन का सेवन करे |
- गर्म पानी – रोजाना पीने के लिए गर्म पानी का सेवन करें. यह इम्यून सिस्टम को मजबूती देता है |
- सोना और जागना – रात्रि में जल्दी सोना चाहिए और सुबह जल्दी उठना चाहिए | इस से प्राकृतिक रूप से शरीर को बल मिलता है | कम से कम 5 से 6 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए |
5. तनाव से दूर रहना – तनाव के साथ आप के द्वारा लिए जाने वाले अन्य इम्युनिटी बूस्टर क्रियाकलापों का लाभ नहीं मिलता | इसलिए तनाव से दूर रहे | इसके लिए परिवार और दोस्तों के साथ खाएं खाना | मन को शांत और प्रसन्न रखे |
- उपवास – उपवास रखने वालों को ध्यान रखना चाहिए कि वह लंबे समय तक भूखे न रहें, इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है |
यौगिक क्रियाये और इम्युनिटी
- तेज कदमो से चलना – रोजाना सुबह या शाम जब भी आपको समय मिले 25 मिनट खाली पेट सामर्थ्य अनुसार तेज कदमो से चलना चाइये | यह न सिर्फ इम्युनिटी सिस्टम को मजबूती देता है बल्कि हृदय और फेफड़ो को भी मजबूत करता है |
- ध्यान – जब समय मिले आप ध्यान, प्रार्थना करें. जब मन शांत और भय मुक्त रहता है तो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बहुत बढ़ जाती है. यह सबसे आसान और कारगर इम्यूनिटी बूस्टर है |
- पश्चिमोत्तानासन – समतल जमीन पर बैठें। दोनों पैर सीधे रखते हुए कमर सीधी रखें। गहरी लंबी सांस भरते हुए दोनों हाथों को एक साथ ऊपर उठाएं। श्वास भरते हुए आगे की ओर झुकें और पंजों को हाथों से पकड़ने की कोशिश करें। श्वास सामान्य रखें | यह क्रिया 3 से 5 मिनट तक रोजाना खाली पेट करे
- धनुरासन – पेट के बल लेटकर पीछे से दाएं पैर के टखने को दाएं हाथ से तथा बाएं पैर के टखने को बाएं हाथ से पकडें। गहरी और लंबी श्वास भरते हुए आगे से छाती और कंधों को तथा पीछे से दोनों पैरों और जांघों को ऊपर उठाएं। फिर पैरों को आकाश की दिशा में ले जाएं और सांस को सामान्य छोड़ दें। एक मिनट से शुरू कर 3 से 5 मिनट तक इस आसन का अभ्यास करें।
- सर्वांगासन – पीठ के बल लेटें। उसके बाद अपने दोनों हाथों की सहायता से अपने दोनों पैरों और कमर को ऊपर की ओर उठाएं। इस स्थिति में शरीर का सारा वजन दोनों कंधों तथा सिर पर आ जाएगा। 3 से 5 मिनट तक इस आसन का अभ्यास करें।
- हलासन – सर्वांगासन की ही स्थिति में रहते हुए दोनों पैरों को सिर के पीछे जमीन पर सटाने का प्रयास करें। श्वास की गति सामान्य रखें। इस स्थिति में लगभग 3 से 5 मिनट तक खुद को रोकने का प्रयास करें। फिर धीरे-धीरे वापस पूर्व स्थिति में आएं।
- कपालभाति प्राणायाम – इस प्राणायाम में कमर सीधी रखते हुए दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें। धीरे-धीरे श्वास को नाक से बाहर छोड़ने की कोशिश करें। इस बात का ध्यान रखें कि श्वास लेने की आवाज न आए, बल्कि श्वास छोड़ने की आवाज तीव्र गति से आए।
- भस्त्रिका प्राणायाम – इस प्राणायाम में श्वास को तीव्र गति से अंदर और बाहर करना होता है। श्वास अंदर लेते हुए पेट बाहर तथा श्वास छोड़ते समय पेट अंदर रखें। इस प्राणायाम से फेफड़ों की शुद्धि होती है और तथा उसे काफी शक्ति भी प्राप्त होती है।
- उज्जाई प्राणायाम – नाक से गहरी व लंबी श्वास भीतर लेते हुए अपनी ग्रीवा की अंतरंग मांसपेशियों को सख्त रखें। श्वास लेते व छोड़ते समय कंपन महसूस करें। ध्यान रहे कि श्वास-प्रश्वास की क्रिया नाक से ही पूरी करनी है।
- सूर्य नमस्कार – इसके नित्य अभ्यास को सुबह सुबह 3 बार करने से भी इम्यून सिस्टम मजबूत होता है |