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Bring to the table win-win survival strategies to ensure proactive domination. At the end of the day, going forward.
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जीवन और मृत्यु – एक ही सिक्के के दो पहलू | जीवन और मृत्यु इंसान के सबसे बड़े सच हैं। हर कोई जीता है, और एक दिन हर किसी को इस दुनिया से जाना होता है। ये ऐसी सच्चाई है जिसे कोई अमीर-गरीब, बड़ा-छोटा, राजा-रंक नहीं बदल सकता। जीवन का अर्थ: जीवन एक मौका है—परिवार...

समत्वम – अर्थात हर  परिस्थिति में समान भाव रखना, न सुख में अहंकार न दुःख में अवसाद।  ठीक ही कहा गया है – “सुख-दुख की आंधियाँ चलें, फिर भी अडिग रहो, जीवन के हर रंग में, संतुलन से खड़े रहो। न जय में गर्व, न हार का ग़म, जो समत्व पा गया, वही हुआ परम।”...

पुरुष और स्त्रीत्व स्त्री को सिर्फ काया समझना असली पुरुष का विवेक नहीं है | असली पुरुष वही है जो स्त्री को नहीं, स्त्रीत्व को छू पाता है | सामान्य अर्थो में स्त्री की कल्पना मात्र एक माँ, पत्नी, बहन, प्रेमिका और सहेली या दोस्त और सन्तान के रूप में ही की जाती है |...

श्री कृष्ण कहते है, अर्जुन मै ही तो हू त्रिलोकी, जग कल्याणकर्ता | और अर्जुन कहता है मै ही हू अज्ञानी, अधीर और अधर्मी | जब अज्ञानी अर्जुन युद्ध भूमि में धनुष त्यागकर बेठा था अधीर होकर, तब श्री कृष्ण ने अर्जुन के सभी मोह माया का खंडन कर सही मार्ग दिखाया | और जब...

(एपिसोड 1)……. अमरकंटक की सबसे उंची पहाड़ी पर बहुत तेजी से लम्बे लम्बे कदमो के साथ चलती जा रही थी वो | बिखरे बाल, बड़ी आंखे, चेहरे पर गुस्सा, भोहे तनी हुई, माथे पर सिलवट और सुर्ख लाल होठ | उसके आगे और पीछे वाले लोग बस एकटक घूरे जा रहे थे, उसको, मानो दुनिया...

आज फिर माँ की आँखों में सवाल थे, क्या कोख में इतने माह रखने के बाद भी बस पिता के नाम और वंश को ही चलाएगा उसका बेटा | खुद के खून से मथकर मख्खन की तरह बने दूध पिलाने के बाद भी क्या उसका कोई वजूद कोई नाम नहीं | बस पिता के नाम...