क्या है बांझपन?
यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें किन्ही कारणों से महिलाएं गर्भ धारण करने में असमर्थ हो जाती हैं। सामान्यत: व्यस्क जननक्षम उम्र में एक वर्ष से ज्यादा की अवधि में असुरक्षित यौन संबंध के बाद भी यदि गर्भ नहीं ठहरता है तो बांझपन मानकर उसका निदान किया जाता है |
बांझपन के प्रकार-
प्राथमिक बांझपन: असुरक्षित संभोग के एक वर्ष के बाद भी गर्भधारण करने में असफल होना।
द्वितीयक बांझपन: एक सफल गर्भावस्था के बाद आप दोबारा गर्भवती नहीं होना |
पुरुष और महिला दोनों में बांझपन के कारन-
1.आयु – महिलाओं और पुरुषो दोनों की प्रजनन क्षमता उम्र के साथ धीरे-धीरे कम होती जाती है |
2.तंबाकू सेवन – किसी भी साथी द्वारा तम्बाकू धूम्रपान करने से गर्भधारण की संभावना कम हो सकती है।
3.अत्यधिक शराब का सेवन से बांझपन का खतरा बढ़ सकता है।
4.निष्क्रिय जीवनशैली और अधिक वजन या मोटापे से बांझपन का खतरा बढ़ सकता है।
बांझपन की परीक्षा और परीक्षण
महिलाओं में-
- प्रोजेस्टेरोन और एफएसएच हार्मोन के स्तर की जांच,
- एंटीमुलेरियन हार्मोन परीक्षण (एएमएच)
- फैलोपियन ट्यूब में रुकावटों को देखने के लिए हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राफी (एचएसजी)।
- अंडे की गुणवत्ता की जांच करने और गर्भाशय का मूल्यांकन करने के लिए अल्ट्रासाउंड
- थायराइड फ़ंक्शन परीक्षण
पुरुषों में-
- शुक्राणु परीक्षण
- वृषण और लिंग की जांच
- पुरुष जननांगों का अल्ट्रासाउंड
- टेस्टोंस्टेरोंन एवं अन्य हार्मोन के स्तर की जांच के लिए रक्त परीक्षण
बांझपन का उपचार – यह बांझपन के कारण पर निर्भर करता है। इसमें निम्नलिखित विकल्प शामिल हो सकते है:
1.प्रजनन उपचार जैसे ओव्यूलेशन प्रेरित करने के लिए दवा लेना,
2.अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (आईयूआई)
3.इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ)
- संक्रमण और थक्के विकारों के इलाज के लिए दवाएं
- दवाएं जो अंडाशय से अंडों की वृद्धि और रिहाई में मदद करती हैं|
- उत्तरबस्ति तकनीक – जोकि प्राचीन आयुर्वेद का हिस्सा है और सबसे ज्यादा कारगर है |
संक्षेप में जैसे-जैसे नई तकनीक उपलब्ध होती है, प्रजनन उपचार अब अधिक लोगों के लिए सुलभ होते जा रहे है, और सफलता दर और सुरक्षा में हर समय सुधार हो रहा है। परन्तु सभी चिकित्साओ की जननी आयुर्वेद सबसे सरल, सुखद, विश्वसनीय और लाभकारी उपाय के रूप में प्रयोग किया जा सकता है | इसकी प्राचीनतम चिकित्सा विधि उत्तरबस्ती से अनेको लोगो को संतान प्राप्ति का लाभ हुआ है |